Barish Quotes

Rain, or barish, is a stunning natural occurrence that has served as an inspiration to numerous authors and poets throughout history. Our minds and spirits are calmed by its calming sound and invigorating aroma. Here are some exquisite बारिश कोट्स that perfectly encapsulate this amazing phenomenon:Rain, or barish, is a stunning natural occurrence that has served as an inspiration to numerous authors and poets throughout history. Our minds and spirits are calmed by its calming sound and invigorating aroma. You can also check out Jumma Mubarak Quotes. Here are some exquisite बारिश कोट्स that perfectly encapsulates this amazing phenomenon:

Barish quotes to Make Your Day

  1. सुना है बारिश में दुआ कुबूल होती है,

2. रास्तों में सफर करने का मज़ा आ जाता है, जब बारिश का सुहाना मौसम हो जाता है।

3. इस तरह बरस जाए ईमान की बारिश, लोगों के जमीन पर धूल बहुत है।।

4. मेरे बचपन कि बारिश भी, अब बड़ी हो गई।

5. दूर तक छाए थे बादल ओर कहीं साया न था, इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।।

6. इस ओर से भाव के बादल भेजने पड़ते है, उस ओर प्रेम कि वर्षा के लिए।।

7. जाने क्यों बारिश जब जब भी होती है, अन्दर तेरी याद चुप चुप कर रोती है।।

8. एक हम है जो इश्क़ की बारिश करते है, एक वो है जो भीगने को तेयार नहीं।।

9. सारे इत्रों की खुशबू आज मंद पड़ गई,

मिट्टी में बारिश की बूंदे जो चंद पड़ गई।।

10. कभी शिद्दत की गर्मी कभी बारिश को फुहार, ये सितम्बर ओर मोहब्बत समझ से परे है हमारे।।

11. ऐ बारिश जरा खुलकर बरस ये क्या तमाशा है, इतनी रिम झिम तो मेरी आंखो से रोज होती है।।

12. आखिर क्यों नम हो जाते है ऐसे मौसम, लगता है दिल बादलों का भी टूट चुका है।।

13. उस को भला कोई केसे गुलाब दे, आने से जिसके खुद मौसम ही गुलाबी हो जाएं।।

14. पूछे कोई उससे के दुख है या खुशी है, जाने  क्यों बूंद कोई बारिश कि पत्तो के रुकी है।।

15. प्यासी निगाहें बरस गई बरसी निगाहें तरस गई, सावन की आई बारिश में कितनी दरिया टूट गई।।

16. साथ भीगे बारिश में ये अब मुमकिन नहीं, चलो भीगते हर यादों में हम कहीं तुम कहीं।

17. पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे हमसे, लो अब गिंक्लो बारिश की ये बूंदे।।

18. उस जहाँ में गुनाह की सजा कुछ और है, बिन मौसम के बारिश का मजा कुछ और है.

19. दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था

20. मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल वरना शौक तो आज भी हैं बारिशो में भीगने का.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top